जयपुर शहर में कई योद्धा कोरोना महामारी को मात देने में जुटे हैं। आइए मिलते हैं एमएमएस में काम करने वाले तीन दंपतियों से...। इनका जज्जा तो देखिए कि अस्पताल में लगातार 15-16 घंटे तक कोरोना मरीजों की सेवा करते हैं फिर परिवार को संभालते हैं। इनका कहना है कि समाज को हमारी जरूरत है। परिवार की चिंता होती है...लेकिन जो मरीज यहां भर्ती हैं उनके प्रति भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। समय है यह भी कट ही जाएगा।
काेराेना मरीजों के लिए परिवार को भूले राजू देवी व पवन
सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में नर्स ग्रेड द्वितीय श्रेणी के रूप में कार्यरत पवन कुमार बाजिया और उनकी पत्नी राजू देवी की ड्यूटी कोराेना वार्ड में लगी हुई है। राजू देवी रेडियोथैरेपी यूनिट के डे-केयर में बनाए गए कोरोना वार्ड और पवन चरक भवन के कोरोना वार्ड में काम कर रहे हैं। पिछले कई दोनों से दोनों अपने तीन साल के बच्चे और परिवार की परवाह न करके मरीजों की देखभाल में जुटे हैं। राजू देवी को तो अपने बेटे और परिवार से मिले ही काफी अरसा हो चुका है। दोनों का कहना है कि वो तो सिर्फ देश और समाज की सेवा में अपना छोटा सा योगदान दे रहे हैं।
कोरोना : दूसरों की सेवा में जुटे, अपनों से दूरी बनाई

सवाई मानसिंह अस्पताल के 3एबी कोरोना वार्ड में कार्यरत देवानंद और रेडियोथैरेपी कोरोना वार्ड में कार्यरत रजनी चौधरी पिछले कई दिन से कोरोना मरीजों की देखभाल में जुटे हैं। घर जाते हैं तो भी बिना बच्चों से मिले ही वापस आ जाते हैं। अस्पताल में कोरोना मरीजों की सेवा में दिन रात जुटे रहने के बावजूद वो अपनों बच्चों से दूरी बनाकर रखते हैं कि कहीं उनके कारण बच्चे कोरोना की चपेट में ना आ जाएं। देवानंद और रजनी की दो बच्चे हैं। देवानंद और रजनी बताते हैं...आज मरीजों को हमारी जरूरत है। सेवा के बढ़कर दूसरा कोई पुण्य कार्य नहीं हो सकता है। कुछ दिन ही बात है...ये समय भी कट जाएगा।
पति अस्पताल के बाद बच्चे संभालते हैं पत्नी मरीज
एसएमएस के रेडियोथैरेपी कोरोना वार्ड में नर्स (द्वितीय) कांता कई दिन से कोरोना मरीजों की देखभाल में जुटी हैं। एसएमएस में सीटी सर्जरी वार्ड में कार्यरत पति गंगाराम अस्पताल की ड्यूटी के बाद बच्चों को संभालते हैं।
